Thursday 9 January 2020

कर्ज से परेशान पोस्ट ऑफिस के कैशियर ने मां को गोली मारकर खुद की आत्महत्या



कुछ दिनों से बैंक अधिकारी कर्ज लौटाने को कर रहे थे परेशान

ऑनलाइन डेस्क, अबोहर। 
सीतो गुन्नों गांव मेहराना निवासी एक व्यक्ति ने मानसिक परेशानी के चलते वीरवार दोपहर अपने किन्नू के बाग में अपनी मां को गोली मारने के बाद खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। घटना का समाचार सुनते ही डीएसपी व अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुचें और मृतकों के शवों को सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाते हुए मामले की जांच शुरू कर दी। हालांकि मृतक खुद डाकघर में सरकारी नौकरी करता था और उसका खुद का 11 एकड का किन्नू का बाग भी था लेकिन लाखों रूपए के बैंक कर्ज की परेशानी के चलते उसने इस घटना को अंजाम दिया।



जानकारी के अनुसार गांव के सेवानिवृत अध्यापक स्व. जगदीश बिश्रोई का बेटा विनोद कुमार आयु करीब 40 वर्ष गांव भाईका केरा के डाकघर में कैशियर के रूप में काम करता था और उसकीगांव की कुछ दूरी पर 11 एकड में किन्नू का बाग भी लगा हुआ है7 बताया जाता है कि विनोद कुमार ने बैंक से करीब 35 लाख का कर्ज ले रखा था जिस कारण वह परेशान रहता था। आज सुबह वह अपनी बूढी 60 वर्षीय मां राधा देवी के साथ बाग में रखवाली के लिए बाग में गया जहां उसने पहले करीब साढे 12 बजे अबोहर के एक कालेज में लैक्चरार के रूप मे कार्यरत अपने मामे के बेटे धर्मवीर को फोन कर बताया कि वह परेशान है और आत्महत्या करने जा रहा है, जिस पर उसके मामा के बेटे ने उसे रोका और ऐसा न करने को कहा तो उसने फोन काट दिया और उसके बाद अपनी मां को गोली मारने के बाद खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।



इधर धर्मवीर मौके पर पहुचे तो दोनों को मृत पडा देखकर इसकी सूचना पुलिस को दी जिस पर थाना बहाववाला के एसआई गुरचरण सिंह, सीतो चौंकी प्रभारी दविन्द्र सिंह मौके पर पहुची जिनकी सूचना के बाद डीएसपी संदीप सिंह भी मौके पर पहुचं गए और घटना स्थल का जायजा लेते हुए दोनों के शवों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी और शवों को असपताल की मोर्चरी में भेजवाते हुए मौके पर इस्तेमाल हुआ लायसेंसी पिस्टल भी बरामद कर लिया। मृतक अपने पीछे दो लडकियों व पत्नी को रोता बिलखता छोड गया है

मृतक विनोद कुमार

मृतक विनोद कुमार एक बहुत ही शानदार खिलाडी था जिसने राजस्थान में अपनी पढाई पूरी की थी और स्पोटर्स में उसे गोल्ड मैडल भी मिल चुका था इसी गोल्ड मैडल जीतने के कारण ही उसे स्पोटर्स कोटे से डाकघर में नौकरी भी मिली हुई थी, जहां से उसे अच्छी खासी तनवाह मिलती थी इसके अलावा पिता सेवानिवृत अध्यापक था और खुद का 11 एकड में बाग भी लगा था इतनी अच्छी आर्थिक हालत के बावजूद बैंक से लिए गए कर्ज के कारण वह परेशान रहने लगा और आज इस घटना को अपनी लायसेंसी रिवोलवर से अंजाम दिया।

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