समस्याओं के निवारण के लिए एक उद्धारक की आवश्यकता : साध्वी तेजस्विनी भारती
* दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा साप्ताहिक सत्संग कार्यक्रम आयोजित
अबाेहर। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा श्री गंगानगर राेड स्थाित आश्रम में रविवार काे साप्ताहिक सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में संस्थान के संचालक एवं संस्थापक सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी तेजस्विनी भारती ने प्रवचन करते हुए बताया कि भगवान श्रीराम की लीलाएं हमारा सही मार्गदर्शन कर हमें उचित मार्ग की ओर अग्रसर करती हैं। प्रभु द्वारा स्थापित बुराई पर अच्छाई का संदेश आज भी सार्थक है। जिस प्रकार त्रेता युग में बुरी शक्तियों का अंत करने हेतु उस महान शक्ति का श्री राम के रूप में धरती पर अवतरण हुआ था, जिन्होंने तत्कालीन समस्याओं को समझ फिर उनके निवारण हेतु अपनी दिव्य लीलाओं को धारण किया था। ठीक इसी प्रकार आज के समाज में भी कई विकृतियां, बुरी शक्तियां फैली हुई है और उनके निवारण हेतु भी एक युगपुरूष, एक उद्धारक की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि मानव मन के रूपांतरण से इस स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है। ध्यान साधना के निरंतर अभ्यास से मनुष्य अपनी मन की मलिनताओं से मुक्त हो प्रभु श्री राम द्वारा की लीलाओं के पीछे छिपे वास्तविक एवं आध्यात्मिक रहस्य को समझ पाता है। राम राज्य हमारे समक्ष उदाहरण प्रस्तुत करता है, एक आदर्श राज्य का, जहां सब व्यवस्थाओं में उचित सामंजस्य था चहुं ओर जहां प्रेम, भाईचारे, धर्म एवं व्यवहारिकता का वास था। सब लोग ईश्वर के उस आत्मस्वरूप से पूर्णरूपेण भिज्ञ थे एवं आनंद पूर्वक अपना जीवन व्यतीत करते थे। ब्रह्मज्ञान के दिव्य प्रभाव से समस्त प्रजा ने अपने भीतर सद्गुणों एवं मूल्यों को धारण किया एवं एक आदर्श साम्राज्य, राम राज्य की स्थापना की थी। दृढ निश्चय एवं विवेक द्वारा ही समाज में परिवर्तन लाकर एक नए युग की स्थापना संभव है। इस अवसर पर साध्वी काली भारती ने भजनों का गायन किया।
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