- सीबीआई कोर्ट ने 40 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया, जज ने भ्रष्ट पुलिसवालों को लगाई लताड़
चंडीगढ़. 3500 रुपए की रिश्वत लेते पकड़े गए सेक्टर-19 थाने के पूर्व एएसआई दविंदर कुमार को सीबीआई कोर्ट ने 4 साल की सजा सुनाई। उस पर कोर्ट ने 40 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया। जज ने अपने फैसले में पुलिस के लिए कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया। सीबीआई कोर्ट के जज डॉ. सुशील कुमार गर्ग ने अपने फैसले में लिखा कि 'करप्ट यानी रिश्वतखोर पुलिस अफसरों को दो कैटेगरी में बांटा जा सकता है। पहले मीट ईटर्स यानी मांस खाने वाले और दूसरे ग्रास ईटर्स यानी घास खाने वाले'। जज ने आगे लिखा कि मांस खाने वाले वे पुलिस अफसर होते हैं, जो अपने फायदे के लिए अपनी पुलिस पावर का धड़ल्ले से मिसयूज करते हैं। वहीं, घास खाने वाले पुलिस अफसर वे होते हैं, जो अपने कामकाज में मिलने वाली रिश्वत को आसानी से स्वीकार कर लेते हैं'। जज ने लिखा कि पुलिस डिपार्टमेंट की करप्शन सोसायटी को प्रभावित कर रही है। एक करप्ट पुलिस अफसर पूरे डिपार्टमेंट का विश्वास तोड़ सकता है। जज ने लिखा कि पुलिस में करप्शन का कैंसर अब आम हो चुका है। समाज में भ्रष्टाचार को कम करने के लिए ऐसे पुलिस अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। इन शब्दों के साथ जज ने एएसआई को 4 साल की सजा सुना दी और पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया।
छह साल पहले पकड़ा गया था दविंदर कुमार
सेक्टर-24 के अमनदीप सिंह की शिकायत पर सीबीआई ने दविंदर को पकड़ने के लिए ट्रैप लगाया था। अमनदीप ने शिकायत में बताया था कि 21 मई 2013 की रात वह सेक्टर-19 की मार्केट में कुछ सामान लेने गया था। उसने दुकानदार को 500 रुपए का नोट दिया। दुकानदार ने चेक किया तो पता चला कि नोट नकली था। उसने सेक्टर-19 पुलिस थाने में शिकायत दी। जांच का जिम्मा एएसआई दविंदर कुमार को सौंपा गया। दविंदर ने अमनदीप से पूछताछ शुरू कर दी। अमनदीप ने बताया कि उसने दिल्ली में अपने एक दोस्त को मोबाइल बेचा था, उसी ने उसे नकली नोट दिया होगा। एएसआई ने मामले को रफा-दफा करने के लिए रिश्वत मांगी। 3500 में सौदा तय हुआ। अमनदीप ने सीबीआई को शिकायत दे दी। दविंदर ने अमनदीप को 29 मई 2013 को थाने में बुलाया। दविंदर ने जैसे ही उससे पैसे पकड़े, सीबीआई ने उसे दबोच लिया।
एक हफ्ते में दूसरे पुलिस अफसर को हुई सजा एक हफ्ते के अंदर चंडीगढ़ पुलिस के दूसरे पुलिस अफसर को रिश्वत मामले में सजा हुई है। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने पिछले हफ्ते 25 हजार रुपए की रिश्वत मामले में यूटी पुलिस के पूर्व सब-इंस्पेक्टर कुलवरणजीत सिंह चीमा को 4 साल की सजा सुनाई थी। उस पर कोर्ट ने 75 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया था। मनीमाजरा थाने में पोस्टेड रहे एसआई चीमा ने लड़ाई-झगड़े के एक मामले में केस दर्ज न करने की एवज में रिश्वत मांगी थी।
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